अभयारिष्ट पाइल्स और पाचन रोगों की आयुर्वेदिक दवा

जानिये आयुर्वेदिक दवा अभयारिष्ट का पाईल्स, कब्ज और पाचन सम्बन्धी रोगों में फायदे और नुकसान के बारे में।

आयुर्वेदिक दवाई अभयारिष्ट मुख्य रूप से पाइल्स की दवाई है। इस दवा में प्रयुक्त मुख्य जड़ी बूटी अभया या हरीतकी है जिसे हर्रे, हरड़ के नाम से जानते हैं।

यदि आप को पाचन सम्बन्धी दिक्कतें हैं, पाचन कमजोर है, पेट साफ़ नहीं होता, गैस, बवासीर, फिस्टुला है तो आप इस दवा को ले सकते है। इस दवाई को पेट के बढ़ने, पेशाब के रुकने और कब्ज़ में भी लिया जाता है।

यह दवा सेवन के लिए बहुत सुरक्षित है लेकिन जिस लोगों को पेट में जलन होती है, अल्सर की समस्या है उन्हें यह दवा चिकित्सक के परामर्श के बाद लेनी चाहिए अथव बहुत ही कम मात्रा में लेनी चाहिए।

अभयारिष्ट के संकेत

  • अग्निमान्द्य
  • अर्श
  • उदर रोग
  • कम पेशाब होना
  • गैस
  • जलोदर
  • पेट फूलना
  • पेशाब करने में कठिनाई
  • बवासीर में उपयोगी
  • मुत्रविबंध
  • विबंध/कब्ज

अभयारिष्ट की डोज़

आयुर्वेद के अनुसार अभयारिष्ट को लेने की खुराक 12 मिलीलीटर से 24 मिलीलीटर है। अभयारिष्ट को दवा की मात्रा के बराबर ही गर्म पानी मिला कर लेना चाहिए।

इसे आप दिन में दो बार ले सकते हैं। दो बार से ज्यादा नहीं लेना उचित है। रोज एक ही समय पर लें।

इसे केवल और केवल खाने के बाद लेना चाहिए। इसे खाली पेट लेने से पेट में जलन होती है। बच्चों को यह दवा दे सकते हैं लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसा नहीं करना चाहिए।

अभयारिष्ट को कुछ सप्ताह से लेकर महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

अभयारिष्ट के फायदे | Abhayarishta Benefits in Hindi

अभयारिष्ट पाचन रोगों जैसे गैस, पेट फूलना, कब्ज और बवासीर की दवा है। यह गुदा फिशर और पाइल्स में फायदेमंद है। फाइटोकेमिकल्स, गैलिक एसिड, फ्लैवोनोइड्स, बी-साइटोस्टेरॉल, फ्रक्टोज़, टैनिन और टेरपीन की मौजूदगी इसे प्रभावी बनाती है। यह मूत्र के प्रतिधारण के साथ त्वचा विकारों में उपयोगी है।

इसमें निम्न औषधीय गुण हैं:

  • रेचक
  • एंटी वायरल
  • स्तम्मक
  • गैसहर
  • एंटी बैक्टीरियल

कब्ज़ को करे दूर

अभयारिष्ट में हरीतकी है जो विरेचक और एंटीस्पाज्मोडिक है व भूख ठीक करने वाली, यकृत उत्तेजक, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रोकिनेटिक एजेंट है। अभयारिष्ट के प्राकृतिक तत्व मल को नरम करते हैं और आंत्र गतिशीलता को बढ़ाते हैं, जो तीव्र और पुरानी कब्ज प्रभावी रूप से राहत देते हैं। यह दवा शरीर में द्रव-इलेक्ट्रोलाइटके संतुलन (खनिज और पानी संतुलन) को नहीं बिगाड़ती। यह दवा हैबिट फोर्मिंग लेक्सेटिव नहीं है।

गुदा की दरारों में लाभप्रद

जब कब्ज में मल कठोर हो जाता है तो शौच करते समय गुदा छिल जाती है। आंत्र आंदोलन को विनियमित करके, दवा गुदा फिशर को ठीक करने में मदद होती है।

पाइल्स बवासीर में करे लाभ

अभयारिष्ट मल को सख्त नहीं होने देती। यह आंत से दबाव हटाती है और रेक्टल नसों में सूजन को कम कर देती है। यह कब्ज से भी राहत देती है, जो बवासीर का सबसे आम कारण है।

गैस और सूजन के लिए प्रभावी

अभयारिष्ट गैस और गैस से पेट दर्दमें लाभप्रद है। हरितकी, पेट से गैस और संबंधित ऐंठन को कम करती है।

  • अभयारिष्ट के घटक
  • अभया हरड़ हरीतकी 4800 ग्राम
  • गुड़ 4800 ग्राम
  • द्राक्षा 1920 ग्राम
  • महुए के फूल 480 ग्राम
  • वाययबिडंग 480 ग्राम
  • गोखरू 96 ग्राम
  • निशोथ 96 ग्राम
  • धनिया 96 ग्राम
  • धाय के फूल 96 ग्राम
  • इन्द्रायण की जड़ 96 ग्राम
  • चव्य 96 ग्राम
  • सौंफ 96 ग्राम
  • सौंठ 96 ग्राम
  • दंतीमूल 96 ग्राम
  • मोचरस 96 ग्राम

अभयारिष्ट के नुकसान और साइड इफेक्ट्स

  • अभयारिष्ट लेने के लिए सेफ है लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव संभावित हैं।
  • अधिक डोज़ में लेने से लूज़ मोशन हो सकते हैं।
  • अधिक डोज़ में पीने पर पेट में जलन, ख्त्त्ती डकार हो सकती है।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला

गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह विरेचक और अनुलोमक है।

ब्रांड जो अभयारिष्ट बनाते हैं

  • पतंजलि
  • डाबर
  • झंडु
  • सांडू
  • बैद्यनाथ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!