अभ्रक भस्म के स्वास्थ्य लाभ, उपयोग, साइड इफेक्ट्स

जानिये अभ्रक भस्म के स्वास्थ्य लाभ, खुराक और दुष्प्रभाव। यह एक हर्बल-खनिज से बनी आयुर्वेदिक दवा है जो माइका से तैयार की जाती है। यह अस्थमा, मूत्र संबंधी विकारों और त्वचा रोगों के उपचार में बेहद उपयोगी है।

अभ्रक भस्म आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल का एक हर्बो-खनिज उत्पाद है। अभ्रक माइका को कहते हैं।  अभ्रक रोगों को ठीक करने के लिए दोषों और बीमारी दोनों पर कार्य करता है और हुए रोग को आगे बढ़ने से रोकता है।

अभ्रक भस्म वात-पित्त-कफ रोग और क्षय रोग (phthisis) को नष्ट कर देता है। इसका प्रयोग तपेदिक जैसी कई पुरानी बीमारियों, संधिशोथ, साँस लेने की दिक्कत, अस्थमा, पाइल्स और त्वचा रोगों जैसी समस्याओं के लिए किया जाता है।

कच्चे अभ्रक, अशुद्ध अभ्रक और अभ्रक भस्म के भौतिक रासायनिक गुणों में में बहुत अंतर है। इसके अलावा, विश्लेषणात्मक अध्ययन यह भी बताते हैं कि अभ्रक भस्म, लौह, एल्यूमीनियम, सिलिका, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक का संयोजन है।

अभ्रक भस्म तंत्रिका टॉनिक है तथा इसका व्यापक रूप से श्वसन पथ संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है । यह शरीर में सभी तीन दोषों पर प्रभाव उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है। यह दवा केवल चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत सख्ती से ली जानी चाहिए।

अभ्रक भस्म की डोज़

अभ्रक भस्म की औषधीय मात्रा1-2 रत्ती या 125 mg-250mg है।

दिन में या भोजन के बाद एक या दो बार इसे लें, लेकिन कृपया आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना याद रखें और उसे केवल उसके परामर्श के बाद लें।

अभ्रक भस्म के स्वास्थ्य लाभ

अभ्रक भस्म कई रोगों को ठीक करने में सक्षम है। अभ्रक भस्म में लोहा प्रमुखता से होता है इसके अतिरिक्त इसमें मैग्नीशियम, पोटासियम, कैल्शियम, एल्युमीनियम भी कम मात्रा में पाए जाते है। यह यौन दुर्बलता को दूर करने वाली औषधि और इसमें वाजीकारक गुण हैं। यह अत्यंत शीत वीर्य है। इस दवा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में आगे बताया जा रहा है।

शरीर के लिए टॉनिक

अभ्रक भस्म के सेवन से शरीर सुदृढ़ और बलवान होता है। यह ताकत देने वाली, त्रिदोषघ्न, यकृत की रक्षा करने वाली और रसायन औषधि है। यह रक्त धातु को पोषित करती है। यह कमजोरी, मन्दाग्नि, वीर्य दोष, धातु की कमी, मानसिक और शारीरिक थकावट को दूर करने वाला रसायन है। यह दवाई सभी धातुओं का पोषण करती है। । यह शरीर के सभी ऊतकों की मरम्मत करता है। और शरीर में हर कोशिका को इष्टतम पोषण प्रदान करता है।

दिमागी रोग जिनमें अभ्रक भस्म लाभप्रद है:

  • अनिद्रा या नींद नहीं आना
  • आत्मघाती प्रवृत्ति के साथ अवसाद
  • चिड़चिड़ापन
  • ध्यान आभाव सक्रियता विकार
  • मानसिक कमजोरी के साथ चिंता
  • मानसिक तनाव
  • स्किज़ोफ्रेनिया
  • हिस्टीरिया
  • दिमागी कमजोरी और थकान में इसे मुक्तापिष्टी के साथ लेना चाहिए।

तंत्रिका टॉनिक

अभ्रक भस्म, एक नर्व टोनी है। इसमें ऊतक बहाली की क्षमता है। यह अपने तंत्रिका गुणों के लिए भी जाना जाता है क्योंकि यह न्यूरॉन के माइलिन शीथ की रक्षा करता है। यह पूरे शरीर और विभिन्न सूक्ष्म ऊतकों में पहुँचता है और टॉनिक का काम करता है।

तंत्रिका तंत्र के निम्न रोगों में अभ्रक भस्म लाभ करती है:

  • पुरानी सिरदर्द
  • माइग्रेन
  • डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग
  • स्मरण शक्ति की क्षति
  • पार्किंसंस रोग
  • मिरगी
  • मस्तिष्क एट्रोफी
  • चक्कर आना

श्वसन पथ संक्रमण करे ठीक

अभ्रक भस्म, को लेने से श्वसन पथ संक्रमण में लाभ होता है। यह क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और चेस्ट कंजेशन के कारण श्वास की समस्याओं के लिए फायदेमंद है।

अभ्रक भस्म एक पारंपरिक और अत्यधिक प्रभावी आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है जो आपको पुरानी और निरंतर खांसी और कमजोरी से राहत प्रदान करता है।

दमे, सांस रोग, इसे पिप्पली चूर्ण + शहद के साथ लेना चाहिए। कफ वाली खासी में इससे वासवालेह के साथ और सूखी खांसी में इसे प्रवाल पिष्टी + सितोपलादि चूर्ण के साथ लेना चाहिए।

श्वसन के निम्न रोगों में अभ्रक भस्म लाभ करती है:

  • साँस लेने में कठिनाई
  • दमा
  • खांसी
  • पुरानी खांसी
  • काली खांसी

तपेदिक में लाभप्रद

अभ्रक भस्म को क्षय रोग में देने से यह टॉनिक की तरह से काम करता है। यह यह चयापचय प्रणाली को नियंत्रित करता है।

टी बीमें इसे गिलो के सत्व + प्रवाल पिष्टी + श्रृंग भस्म के साथ लेना चाहिए।

खून बढाए और हृदय को दे बल

अभ्रक भस्म को लेने से शरीर में खून की कमी दूर होती है और शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार आता है। हेमेटिनिक होने से यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) संख्या में बढ़ोतरी करता है। आरबीसी अधिक होने सेऑक्सीजन वाहक क्षमता बढती है और थकावट दूर होती है।

अनीमिया, पीलिया में इसे मंडूर + अमृतारिष्ट के साथ लेना चाहिए।

बढाये फर्टिलिटी

अभ्रक भस्म यौन विकारों जैसे पुरुष और स्त्री बांझपन, इरेक्शन की समस्या के इलाज में भी मददगार है। यह पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। यह उत्तम वाजीकारक है और इसे खाने से कामेच्छा को बढती है। यह धातुओं की क्षीणता को दूर करती है।

स्त्रियों में यह गर्भाशय को मजबूत करता है और महिलाओं के मामले में अंडाशय को पोषण प्रदान करता है।

धातुक्षय, मधुमेह में इसे कान्त लौह भस्म १२५ mg + शुद्ध शिलाजीत १२५ mg के साथ, दिन में दो बार लें।

निम्न यौन रोगों में अभ्रक भस्म लाभ करती है:

  • बांझपन
  • नपुंसकता
  • अल्पशुक्राणुता
  • रजोनिवृत्ति के लक्षण

करे लीवर की रक्षा

लीवर के रोगों, अभ्रक भस्म का सेवन करने से रोग दूर होता है और लीवर की रक्षा होती है। इए हेपेटाइटीस और पीलियामें देते है।

दिल को दे ताकत

अभ्रक भस्म दिल की मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है, हृदय आकार को सामान्य करता है, हृदय के हिस्सों में रक्त की आपूर्ति में सुधार करता है और यह एंजिना पिक्टोरिस में फायदेमंद है।

हृदय के निम्न रोगों में अभ्रक भस्म लाभ करती है:

  • एंजाइना पेक्टोरिस
  • कार्डियोमेगाली (दिल की असामान्य वृद्धि)
  • घबराहट
  • दिल की कमजोरी
  • हृदयपेशीय इस्कीमिया

कई रोगों पर करे असर

अभ्रक भस्म, खांसी, शीत, मूत्र संबंधी विकार, मधुमेह और विभिन्न प्रकार की त्वचा की स्थिति में प्रभावी है। यह श्वसन संबंधी विकार, यकृत और पेट की बीमारियों, मानसिक बीमारियों और मनोवैज्ञानिक विकारों में भी प्रयोग की जाती है। इसे लेने से एंटीएजिंग असर होता है। इसे लेने से बालों का गिरना भी रुकता है। अभ्रक भस्म को पुरानी डाइसेंटरी, बेल्स पाल्सी, स्ट्रोक पक्षाघात, अस्थमा, क्षय रोग, हेपेटिक डिसफंक्शन और अस्थि मज्जा की कमी जैसी बीमारियों में लाभ होता है।

अभ्रक भस्म की रासायनिक संरचना

  • लोहा 21.534 %
  • सिलिकॉन 12.543 %
  • ऑक्सीजन 35.392 %
  • कैल्शियम 10.698 %
  • पोटैशियम 7.844 %
  • अल्युमीनियम 2.36 %
  • क्लोरीन 0.08 %
  • टाइटेनियम 1.452 %
  • फ़ास्फ़रोस 0.218 %
  • मैगनीशियम 3.522 %
  • सोडियम 0.114 %

औषधीय गुण

अभ्रक भस्म में निम्न औषधीय गुण होते हैं:

  • अवसाद दूर करना
  • इम्युनिटी में बदलाव करना
  • एंटासिड
  • एनर्जी बूस्टर
  • कामोद्दीपक
  • कार्डियो-टॉनिक
  • तंत्रिका उत्तेजक
  • पाचन उत्तेजक
  • पौष्टिक टॉनिक
  • लीवर रक्षक
  • सामान्य शरीर टॉनिक
  • सूजन उतारना
  • सेलुलर टॉनिक

अभ्रक भस्म के चिकित्सीय उपयोग Abhrak Bhasma Therapeutic Uses

  • अग्निमांद्य
  • उदर रोग
  • कफ़रोग
  • कास
  • किडनी रोग
  • कुष्ठ
  • कृमि रोग
  • केशपतन
  • ग्रंथि
  • ग्रहणी
  • ज्वर
  • त्वचा रोग
  • नपुंसकता
  • पाण्डु
  • प्रमेह
  • प्लीहा रोग
  • मानसिक रोग, मिर्गी, उन्माद, स्म्रितिनाश, नींद न आना, हिस्टीरिया
  • मूत्रकृच्छ
  • मूत्राघात
  • यकृत रोग
  • यौन दुर्बलता
  • रक्तपित्त
  • रसायन
  • वीर्यपात
  • श्वास
  • स्पर्म की कम संख्या
  • हृदय की दुर्बलता

सावधानी

  • कृपया इस दवा को केवल डॉक्टर की सलाह से लें।
  • जब इसे उचित खुराक में नहीं लिया जाता है तो यह खतरनाक भी साबित हो सकता है।

अभ्रक भस्म के साइड इफेक्ट्स

इसे चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत सख्ती से लिया जाना चाहिए क्योंकि अतिदेय गंभीर साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है और कुछ मामलों में भी खतरनाक हो सकता है

इसके सेवन से दिल की धड़कन बढ़ सकती है।

निर्माता

निम्नलिखित कंपनियां अभ्रक भस्म का निर्माण करती हैं:

  • डाबर
  • पतंजलि दिव्य फार्मेसी
  • बैद्यनाथ
  • धूतपापेश्वर
  • झंडु

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