अरविन्दासव के फायदे, नुकसान, खुराक और प्रयोग विधि

अरविन्दासव एक आयुर्वेदिक दवाई है जो बच्चो के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है, जानिये इसके फायदे, उपयोग विधि और साइड इफेक्ट्स के बारे में।

अरविन्दासव या अरविन्दासवम आयुर्वेद की क्लासिकल आयुर्वेदिक दवाई है जिसे पतंजलि दिव्य फार्मेसी, बैद्यनाथ, डाबर, कोट्टकल समेत बहुत से ब्रांड के द्वारा बनाया जाता है। यह दवा बच्चों के लिए है। यह दवा बच्चों की शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ाती है।

अरविन्दासव मुख्य रूप से पाचन टॉनिक है। अरविन्दासव बच्चों में भूख लगना और पाचन को दुरुस्त करता है जिससे बच्चे पुष्ट और निरोगी बनते हैं। यह मस्तिष्क से सम्बंधित समस्याओं में भी लाभ करता है।

यदि बच्चे की इम्युनिटी कम है, खांसी लगी रहती है, भूख नहीं लगती, मन्दाग्नि है अपच है, शारीरिक विकास ठीक से नहीं हो रहा, तो आप इसे अपने बच्चे को दे सकते हैं। निर्धारित रूप से दिए जाने पर इस दवा को कोई साइड इफ़ेक्ट ज्ञात नहीं है।

अरविन्दासव के फायदे Arvindasava Benefits

अरविन्दासव बच्चों के लिए अच्छे पाचन के लिए दवा है। इसे देने से कफ और वात कम होता है जिससे खांसी-जुखाम तथा गैस में आराम होता है। यह पाचक रसों के स्राव को ठीक कर पाचन में सहयोगी है।

अरविन्दासव को निम्न रोगों में दिया जाता है:

  • अपच
  • अस्थिवक्रता – रिकेट्स (हड्डियों की कमजोरी)
  • आंत्र गैस
  • कमजोरी
  • दुर्बलता
  • कुपोषण
  • गृहदोष और मानसिक समस्याएं या मनोरोग
  • पाचन में परेशानी, क्षुधावर्धक
  • बच्चों के लिए आयुर्वेदिक टॉनिक
  • बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से नहीं होना
  • बार-बार खांसी दस्त
  • भूख न लगना
  • सूखा रोग
  • अफारा
  • पेट फूलना आदि।

बढाए इम्युनिटी

अरविन्दासव से बच्चों में भोजन का पाचन आर अवशोषण सही होता है। बच्चे जो खाते हैं वो श्री रको लगता है जिससे बच्चों की इम्युनिटी सही होने लगती है।

करे पाचन ठीक

अरविन्दासव के सेवन से भूख और पाचन की कमी दूर होने लगती है। आसाव होने से यह एक दीपन और पाचन दवा है।

बढाए भूख

अरविन्दासव के सेवन से मन्दाग्नि दूर होती है और भूख ठीक से लगती है।

गैस करे दूर

अरविन्दासव में त्रिफला है जिससे पेट साफ़ होने में मदद मिलती है। इसमें गैस हर गुण है जिससे गैस, गैस से दर्द आदि में राहत होती है।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सहयोगी

अरविन्दासव को देने से पाचन अंगों का काम करना ठीक होता है जिससे शरीर को बल मिलता है और ताकत रोगों से लड़ने में नहीं बल्कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपयोग होती है।

अरविन्दासव के नुकसान

चिकित्सक पर्यवेक्षण में बताई गई डोज़ में लेने से इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं देखे जाते।

अरविन्दासव की खुराक

1 साल से छोटे बच्चों को 10-20 बूँद, छोटे बच्चों में 2-3 मिलीलीटर और बड़ों को 3 से 12 मिलीलीटर तक

अरविन्दासव की प्रयोग विधि

अरविन्दासव को दिन में दो बार भोजन के बाद पानी की बराबर मात्रा मिला कर लेना चाहिए।

अरविन्दासव के घटक

अरविन्दासव को आसव की विधि से संधान कर निम्न औषधीय वनस्पतियों से बनाया गया है:

  • कमल का फूल 16 g
  • उशीर खस की जड़ 16 g
  • गंभारी फल 16 g
  • उत्पल फूल 16 g
  • मंजिष्ठ जड़ 16 g
  • बला 16 g
  • जटामांसी जड़ 16g
  • छोटी इलाइची 16 g
  • मोथा जड़ 16 g
  • सारिवा जड़ 16 g
  • हरीतकी गूदा 16 g
  • विभितकी गूदा 16 g
  • आंवला गूदा 16 g
  • वच जड़ 16 g
  • साठी 16 g
  • त्रिवृत 16 g
  • नील जड़ 16 g
  • पटोला 16 g
  • परपता 16 g
  • अर्जुन 16 g
  • महुआ 16 g
  • मुलेठी जड़ 16 g
  • मुर जड़ 16 g
  • द्राक्षा 320 g
  • धातकी 256 g
  • पानी 8.19 l
  • चीनी 1.6 kg
  • शहद 0.8 kg

अरविन्दासव बनाने का तरीका

कमल, खस, गंभारी की छाल, नील कमल, मजीठ, छोटी इलायची, खरेंटीमूल, जटामांसी, नागरमोथा, काली अनंतमूल, हरड़, बहेड़ा, बच, आंवला, कचूर, काली निसोत, नील के बीज, पटोल पत्र, पित्तपापड़ा, अर्जुन की छाल, मुलेठी, महुआ के फूल, मुरा प्रत्येक को कूट कर पाउडर कर लें।

इसमें मुनक्का, धाय के फूल, चीनी, शहद और जल मिलाएँ।

संधान होने के लिए एक बर्तन में भर कर एक महीने तक रख दें और संधान होने पर छान लें।

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