कुमारी आसव नंबर 1, एक बहुत ही प्रसिद्ध दीपक, पचक और यकृत उत्तेजक है। इसे पीने से लिवर मजबूत होता है और यकृत पित्त का स्राव ठीक से होता है। ताम्र भस्म और लोहा भस्म जैसे तत्व, मुख्य रूप से यकृत और प्लीहा पर काम करते हैं। लिवर-स्प्लीन का बढ़ जाना, कामला, पीलिया, खून की कमी आदि में इस अवदा को एक दो महीने लेकर देखना चाहिए.
लिवर रोगों के अतिरिक्त, कुमारी आसव नंबर 1 को स्त्री रोगों और कम फर्टिलिटी में भी दिया जाता है. यह महिलाओं में यह पीरियड्स के नहीं आने (अमेनोरियोआ) में उपयोगी है। कुमारी आसव स्त्रियों में प्रजजन अंगों के सही ढंग से काम करने में मदद करती है। कुमारी आसव में एलो वेरा होने से यह कब्ज़ और पाइल्स में भी लाभप्रद है ।
कुमारी आसव में एलो वेरा या कुमारी मुख्य द्रव्य है। यह शरीर के सभी ऊतकों पर काम करता है और शक्ति को बढाता है। यह दवाई महिला प्रजनन, पाचन, नर्वस और कब्ज़ पर लाभकारी प्रभाव डालती है।
अन्य नाम
- कुमार्यासव नं 1
- कुमारी आसव नंबर 1
- Kumaryasava No. 1
कुमारी आसव के फायदे | Kumarai Asawa No 1 Health benefits in Hindi
कुमारी आसव का मुख्य घटक कुमारी है जिसे मुसब्बर वेरा या एलो वेरा भी कहते हैं। मुसब्बर वेरा थकान, खराब नींद, तनाव इत्यादि जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करता है। अनियमित पीरियड्स का इलाज करने के लिए भी एलो वेरा का इस्तेमाल किया जाता है। कुमार्यसाव महिलाओं की मासिक धर्म समस्याओं के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है।
दे लिवर को मजबूती
कुमारी आसव, भूख सही से लगने, पाचन और शरीर में पौष्टिक पदार्थों के अवशोषण में सुधार करने में मदद करती है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर से मुक्त कणों को काटने में मदद करते है। यह यकृत , गुर्दे, मूत्राशय और प्लीहा को भी साफ करता है और प्रतिरक्षा को बढ़ा देता है।
महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को करे बेहतर
नियमित पीरियड्स के लिए संतुलित हार्मोन होना ज़रूरी है । मुसब्बर वेरा स्त्रियों में हार्मोन को विनियमित करके स्वाभाविक रूप से मासिक धर्म अनियमितताओं का इलाज करने में मदद करता है।
शरीर से दूर करे गन्दगी
मुसब्बर वेरा अपने detoxifying लाभ के लिए जाना जाता है । यह विषाक्त पदार्थों को दूर करने और सिस्टम को साफ रखने में भी मदद करता है।
कब्ज़ करे दूर
कुमारी आसाम कब्ज़ की समस्या में फायदा करती है। इसे पीने से पाइल्स में भी आराम होता है।
कुमारी आसव नंबर 1 के संकेत
लिवर रोग, कब्ज़, स्त्री रोग कुमारी आसव नंबर 1 के मुख्य संकेत हैं. इसके अतिरिक्त यह निम्न रोगों में फायदेमंद है:
- अपस्मार
- अस्थमा
- एनीमिया
- कब्ज
- कृमी रोग
- क्षय रोग
- ख़राब पाचन
- गर्भाशय के दोष
- गुल्म
- गुल्म पेट में लम्प
- जिगर और तिल्ली की वृद्धि
- जुखाम, श्वास, कास, खांसी
- पथरी
- परिणामशूल
- पीरियड्स नहीं आना
- पीलिया
- पेट फूलना
- बवासीर
- मंद ज्वर
- महिला बांझपन
- लिवर के विकार
- वात रोग
- सूजन
कुमारी आसव Shree Dhootapapeshwar Kumari Asava No 1
कुमारी 512 भाग, हरितकी 50 भाग, धाताकी 32 भाग, मधु 128 भाग,गुड़, कंकोल 2 भाग, जतीफल 2 भाग, लवंग 2 भाग, जतिपत्र 2 भाग, जटामांसी 2 भाग, चव्य 2 भाग, चित्रक 2 भाग, पुष्करमुला 2 भाग, बिभीतकी 2 भाग, करकटाशृंगी 2 भाग, ताम्र भस्म 1 भाग, लोहा भस्म 1 भाग
खुराक और लेने का तरीका
कुमारी आसव दवा को 12-24 ml की मात्रा में लिया जाना चाहिये। यदि निचली खुराक की प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं है तो खुराक को 24 मिलीलीटर तक बढ़ाया जा सकता है।
- इस दवा का उपयोग 2 से 4 महीने की अवधि के लिए किया जाना चाहिए।
- इसे दिन में दो बार, सुबह और शाम पानी की बराबर मात्रा मिला कर लेना है।
- इसे भोजन करने के बाद लिया जाना चाहिये।
कुमार्यासव | कुमारी आसव के दुष्प्रभाव
- कुमारी आसव का गंभीर साइड इफेक्ट्स के कारण ज्ञात नहीं है।
- खाली पेट लेने से पेट में जलन होती है। भोजन के बाद खुराक लेने से इस दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
- बहुत अधिक खुराक में इस्तेमाल होने पर गैस्ट्रिक असुविधा हो सकती है।
- लम्बे संत तक लेने पर पेशाब में जलन जो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं कोइसके उपयोग करने से बचना चाहिए।
- मुसब्बर वेरा के रस का उपभोग करने से आपके रक्त शर्करा का स्तर गिर सकता है।
- कुछ लोगों को अले वेरा से एलर्जी होती है. उन्हें विशेष धायं देने की ज़रूरत है।
क्या कुमारी आसव को एंटीबायोटिक दवाओं के साथ साथ लिया जा सकता है??