लीवर जिसे जिगर और यकृत भी कहते हैं, शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण ऑर्गन है। यह डायाफ्राम के नीचे, पेट के ऊपरी दाएं किनारे पर स्थित होता है। यह मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है और औसत वयस्क में लगभग 1.5 किलोग्राम वजन का होता है। पाचन तंत्र से रक्त पहले जिगर के माध्यम से फ़िल्टर किया जाता है और फिर यहाँ से शरीर के दूसरे हिस्सों में जाता है।
यकृत की मुख्य भूमिकाओं में शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाना, खाद्य पोषक तत्वों को संसाधित करना और शरीर चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करना आदि शामिल है। लीवर का कोई भी रोग इन महत्वपूर्ण कार्यों की श्रृंखला को होने से रोक सकता है। लीवर में अधिक वसा संचय, शराब का दुरुपयोग, वायरल संक्रमण, लौह या तांबा संचय, जहरीले क्षति और कैंसर आदि होनेपर लीवर सही से काम नहीं कर पाता।
पतंजलि लिव अमृत सिरप एक लीवर टॉनिक है तथा यह लिवर / प्लीहा विकारों और पाचन विकारों में उपयोगी है। इसे लीवर के बढ़ जाने, पीलिया, फैटी लीवर और अन्य स्थितियों के उपचार में एडजूवेंट की तरह से लिया जा सकता है। यह हर्बल आयुर्वेदिक उत्पाद है जिसे लम्बे समय तक लेना सुरक्षित है। इसे बड़े और बच्चे सभी ले सकते हैं।
पतंजलि लिव अमृत सिरप की कीमत
लिव अमृत सिरप 200 ml की एमआरपी Rs 75 है।
पतंजलि लिव अमृत सिरप के फायदे
करे लीवर की रक्षा
लिव अमृत सिरप में लीवर एंटीहेपाटॉक्सिक जड़ी बूटियाँ है जो लीवर को डैमेज से बचाती है। इसमें वे वनस्पतियां है जो मुख्य रूप से लीवर के रोगों और लीवर के टॉनिक की तरह से प्रयोग की जाती है। भूमि आंवला को यकृत विकारों और हेपेटाइटिस बी वायरस में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग मूत्रवर्धक, स्रोतों को खोलने वाला, एंटी-इन्फ्लेमाटरी, खून रोकने वाला है।
लीवर रोगों में करे फायदा
लिव अमृत सिरप को अपच, पुरानी पेचिश, मूत्र रोग, मधुमेह, त्वचा विस्फोट और पीलिया आदि में ले सकते हैं । यह कोलाइटिस, एडिमा, सूजाक, पीरियड्स अधिक ब्लीडिंग, और पेशाब रोगों में भी लाभ करती है।
सही करे महत्वपूर्ण काम
लिव अमृत सिरप पाचन, प्रजनन और पेशाब अंगों पर काम करने वाली दवा है। इसे लेने से पेशाब की जलन, इन्फेक्शन और यूरिन रिटेंशन में भी लाभ होता है।
करता है सफाई
लिव अमृत सिरप रंजक पित्त को साफ़ करता है और लीवर की रक्षा करता है। यह बाइल का फ्लो बढ़ाता है और भूख को सही करता है। यह खून बढ़ाता है और लीवर फंक्शन को ठीक करता है। इसके सेवन से एनीमिया दूर होता है। । यह रक्त से दूषित पदार्थो को नष्ट करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसे लेने से रक्त विकार हो, पुराना बुखार हो, यकृत की कमजोरी हो, प्रमेह हो, आदि में लाभ होता है।
मूत्र रोगों में लाभप्रद
लिव अमृत सिरप में पुनर्नवा है जो शरीर में सूजन, मूत्र रोगों और पथरी में प्रयोग किया जाता रहा है। यह बढे हुए पित्त और कफ को संतुलित करता है तथा हृदय, यकृत, वृक्क, फेफड़ों और नेत्रों के लिए टॉनिक है।
पुनर्नवा वृक्क और मूत्र मार्ग को साफ़ करता है। यकृत से भी यह विषैले पदार्थों को दूर करता है। अपने पसीना लाने, मूत्र बढ़ाने और विरेचक गुण के कारण यह शरीर की गंदगी को दूर कर रोगों को जड़ से दूर करने का काम करता है। यह मुख्य रूप से शरीर की सूजन को दूर करने, यकृत और वृक्क के रोगों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख वनस्पति है।
पुनर्नवा में लीवर की रक्षा करने के गुण हैं। डेंगू के बुखार में गिलोय के साथ पुनर्नवा का काढ़ा बनाकर पिलाने से न केवल लीवर का बचाव होता है, इससे टोक्सिन दूर होते हैं अपितु नए रक्त का निर्माण होता है और शरीर में लीवर के सही काम न करने के कारण हो जाने वाले सर्वांग शोथ में लाभ होता है।
लिव अमृत सिरप के संकेत
- फैटी लीवर
- हेपेटाइटिस
- भूख नहीं लगना
- खून की कमी
- पीलिया
सेवन विधि और मात्रा Dosage of Patanjali Liv Amrit Syrup
- वयस्क: 1-2 टेबल स्पून दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- बच्चे: 1/2 टेबल स्पून दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे भोजन करने के पहले लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
पतंजलि लिव अमृत सिरप के साइड-इफेक्ट्स Side effects
निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
पतंजलि लिव अमृत सिरप को कब प्रयोग न करें Contraindications
- इसे गर्भावस्था के दौरान न लें।
- इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
- यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
- यह हर्बल है और लम्बे समय तक लेने के लिए सुरक्षित है।
पतंजलि लिव अमृत सिरप का कम्पोजीशन
प्रत्येक 5 ml में
- भूमिआमला Bhumi Amla (Phyllanthus niruri) 80mg
- पुनर्नवा Punarnava (Boerhavia diffusa) 60 mg
- भृंगराज Bhringraj Eclipta alba 50 mg
- मकोय Makoy Solanum nigrum 40 mg
- अर्जुन Arjun Terminalia arjuna 30 mg
- त्रिफला Triphala 30 mg
- सर्पुन्खा Sarpunkha (Tephrosia purpurea) 30 mg
- गिलोय Giloy Tinospora cordifolia 24 mg
- मुलेठी Mulethi (Liquorice) Glycyrrhiza glabra 22 mg
- कुटकी Kutki Picrorhiza kurroa 20 mg
- दारू हल्दी Daru haldi Berberis aristata 20 mg
- अमलतास Amaltas (Cassia fistula) 20 mg
- कालमेघ Kalmegh Andrographis paniculata 10 mg Sugar Stem Juice
Preservative
- सोडियम मिथाइल पैराबेन Sodium methyl Paraben
- सोडियम प्रोपाइल पैराबेन Sodium Propyl Paraben
- सोडियम बेन्जोएट Sodium Benzoate
- सिट्रिक एसिड Citric acid
- फ्लेवर Flavour q.s.
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