पतंजलि फल घृत के के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

पतंजलि फल घृत, प्राकृतिक हर्बल घी है जिसे विशेष रूप से गर्भावस्था में विकारों के इलाज के लिए विकसित किया किया गया है।

यह जड़ी बूटी और कुछ प्राकृतिक जड़ी बूटियों का संयोजन है जो उपयोग में सुरक्षित हैं और शरीर में कोई दुष्प्रभाव नहीं बनाती हैं। इस दवा का नियमित उपयोग आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है और प्राकृतिक प्रजनन बूस्टर के रूप में काम करता है।

पतंजलि फल घृतम को नर और मादा बांझपन के आयुर्वेदिक उपचार में प्रयोग किया जाता है। बांझपन तब कहते हैं जब नियमित रूप से एक वर्ष (कम से कम तीन बार प्रति माह) असुरक्षित संभोग करने पर भी गर्भावस्था प्राप्त करने में विफलता रहती है। फल घृत को स्त्री बांझपन में तो इस्तेमाल करते ही है इसे पुरुष बांझपन में भी इस्तेमाल किया जाता है। फल घृत को शुक्र दोष के प्रबंधन में भी दिया जाता है। फल घृत में आयुष्य, पौष्टिक, मेधा और पुष्मवन गुण है।

पतंजलि फल घृत का मूल्य

200 ग्राम की कीमत रुपये 325 है।

पतंजलि फल घृत की खुराक

फल घृत को दिन में दो बार 1-2 चाय चम्मच की खुराक में लें। आप इसे सुबह और आर्ट को गर्म दूध के साथ ले सकते हैं।

पतंजलि फल घृत के संकेत

पतंजलि फल घृत को महिला या पुरुष दोनों ही ले सकते हैं। बच्चे की कोशिश करने वाले कपल ले सकते हैं। यह सफल धारणा में मदद करता है और भ्रूण में खुफिया और प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह उन महिलाओं को भी लेना चाहिए जिन्हें बार बार गर्भपात होता है। यह सभी प्रकार की स्त्री रोग संबंधी शिकायतों, अंडाशय और पुरुष प्रजनन प्रणाली में दोषों को राहत देने में सहायक है।

पतंजलि फल घृत से वात, पित्त और कफ संतुलित होते हैं। इसका उपयोग पंचकर्मा और दवा के रूप में भी प्रारंभिक प्रक्रिया के लिए किया जाता है।

  • अगला बच्चा होने में परेशानी
  • अनैच्छिक वीर्यपात
  • कम स्पर्म होना
  • कमजोर बच्चे होना
  • बहुत पतला होना
  • गर्भाशय की कमजोरी
  • गर्भिणी रोग
  • टॉनिक
  • पतलापन
  • बच्चों के रोग
  • बार-बार गर्भपात
  • मेंस्ट्रुअल डिसऑर्डर
  • योनि के रोग
  • योनि विकार
  • यौन दुर्बलता
  • लम्बे समय तक ज्यादा मोर्निंग सिकनेस
  • वंध्यत्व
  • शरीर, पीठ, कमर में दर्द
  • शुक्र विकार
  • सूखा रोग

पतंजलि फल घृत के फायदे

पतंजलि फल घृत को खाने से शरीर में ड्राईनेस नहीं रहती। इसे अंगों में मजबूती आती है और पतलापन दूर होता है। यह एक बलवर्धक, ताकत देने वालिया और इम्युनिटी बढाने वाली दवा है।

फायदा करे इनफर्टिलिटी की समस्या में

फल घृत को खाने से प्रजनन अंगों को ताकत मिलती है तथा यह ठीक से काम करने लगते हैं। इसे लेने से वातज और पित्तज रोगों में फायदा होता है। स्त्रियों में इसके सेवन से गर्भाशय मजबूत होता है और कमर दर्द, शरीर दर्द, पीठ में दर्द, पेडू में दर्द आदि की समस्या दूर होती है। पुरुष में इसे खाने से वीर्य की संख्या और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है। यदि बच्चा नहीं हो पा रहा तो जोड़े को इसका सेवन अकी महीने तक लगातार करके देखना चाहिए।

दूर करे इंटरनल ड्राईनेस

आंतरिक सूखापन, आहार, जीवन शैली, जड़ी बूटी, वात की अधिकता से हो सकता है। सूखापन होने से दिमाग, आंतो और प्रजनन अंगों की कार्यक्षमता पर असर होने लगता है। फल घृत का सेवन शरीर के अंदर के सूखेपन को दूर करता है।

पतलेपन की समस्या में करे फायदा

फल घृत, घी है जिसे खाने से वज़न बढ़ता है और धातुएं पुष्ट होती हैं।

दूर करे कब्ज़

आँतों के रूखेपन से भी कब्ज़ हो सकता है। फल घृत को खाने से आँतों की कमोरी और सूखेपन की समस्या में लाभ होता है।

फल घृत का कम्पोजीशन

  • घृत (गोघृत) 768 g
  • मंजिष्ठ 12 g
  • हरीतकी 12 g
  • बिभीतकी 12 g
  • आमलकी 12 g
  • कुष्ठ 12 g
  • तगर 12 g
  • शर्करा 12 g
  • वचा 12 g
  • हरिद्रा 12 g
  • दारू हरिद्रा 12 g
  • मधुका (यष्टि) 12 g
  • मेदा 12 g
  • दीप्यका (यवनी) 12 g
  • कटुरोहिणी (कटुका) 12 g
  • पयस्य (क्षीर विदारी) 12 g
  • हिंगू 12 g
  • काकोली 12 g
  • वाजीगंधा (अश्वगंधा) 12 g
  • शतावरी 12 g
  • क्षीर (गोदुग्ध) 3.072 लीटर

फल घृत साइड इफेक्ट्स

फल घृत के साथ कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं। हालांकि चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत इस उत्पाद का उपयोग करना सबसे अच्छा है।

मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग और उच्च बीपी वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

बहुत अधिक खुराक में, यह दस्त और अपचन का कारण बन सकता है।

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