सफेद मूसली के फायदे और साइड इफेक्ट्स

सफेद मूसली (Chlorophytum borivillianum) क्लोरोफेटम बोरीविलियाम प्रायद्वीपीय भारत में उष्णकटिबंधीय गीले जंगलों से लांसोलेट पत्तियों के साथ एक जड़ी बूटी है। यह आयुर्वेद में कई दवाइयों में प्रयोग होती है और यौन रोगों में बहुत लाभकारी है।

पुरुषों के लिए मार्किट में बहुत सारे हर्बल टॉनिक उपलब्ध हैं। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पायेंगे इन हर्बल टॉनिक में कुछ जड़ी बूटियाँ समान है। ऐसी ही एक जड़ी बूटी है सफ़ेद मूसली। सफ़ेद मुस्ली का मुख्य गुण शरीर को ताकत देना है और कामेच्छा को बढ़ाना है। यह यौन स्वास्थ्य के लिए एक टॉनिक है और इसे लेने से सेक्स परफॉरमेंस में सुधार आता है। सफ़ेद मूसली रोगों को होने से रोकती है और बुढापे को दूर रखती है।

सफ़ेद मुस्ली को ओलिगोस्पेर्मिया में लेते हैं। ओलिगोस्पेर्मिया या अल्पशुक्राणुता, एक पुरुष प्रजनन समस्या है जिसमें स्खलन में कम शुक्राणु एकाग्रतादे खी जाती है। कम शुक्राणु एकाग्रता  में शुक्राणुओं की संख्या, आमतौर पर पर मिलीलीटर या एमएल में 20 मिलियन शुक्राणु से कम होती है। मूसली के कई महीने तक लगातार सेवन से सीमन के वॉल्यूम और टोटल स्पर्म काउंट में सुधार होता है। इससे सेक्सुअल डिजायर, इरेक्शन, स्पर्म क्वालिटी, स्पर्म काउंट, और सम्भोग की फ्रीक्वेंसी में सुधार होता देखा जाता है।

मुस्ली एक एडाप्टोजन है जो इम्युनिटी में सुधार लाती है। यह एक हर्बल वियाग्रा है जो पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे थकान, खराब परिसंचरण और अन्य संक्रमणों में सुधार करने के लिए भी प्रयोग किया जाता था।

श्वेत मूसली के लाभ Health Benefits of Safed Musli in Hindi

सफ़ेद मूसली में एंटीडाइबेटिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-तनाव प्रभाव हैं। यह तनाव, चिंता, कम टेस्टोस्टेरोन स्तर, शुक्राणु विकार और सामान्य कमजोरी से संबंधित पुरुष यौन समस्याओं में फायदेमंद है। चूंकि इसमें ऊर्जा बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एडेप्जन और प्रभाव है, यह ईडी, को कम करती है और पीई, समयपूर्व स्खलन की समस्या में सुधार करती है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह हर्बल और गैर-हार्मोनल रीस्टोरटिव टॉनिक है।

सफेद मूसली मदद करे कम टेस्टोस्टेरोन में

सफेद मूसली का उपयोग शरीर में हार्मोन के उत्पादन के लिए किया जाता है। यह टेस्टोस्टेरोन नामक बहुत जरूरी हार्मोन के शरीर में संतुलित उत्पादन के लिए ली जाती है जो यौन उत्तेजना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह ताकत और ऊर्जा को बढ़ाने का काम करती है। टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के असर के कारण यह बॉडीबिल्डिंग में भी ली जाती है।

सफेद मूसली कम करे बढ़ती उम्र का असर

उम्र बढने के साथ यौन कमजोरी हो सकती है जिसे मूसली के सेवन से ठीक किया जा सकता है। इसे खाने से शरीर के सभी हिस्सों में रक्त प्रवाह ठीक से होता है। यह आवश्यक एमिनो एसिड पूरक है जो थकान सहनशक्ति और कम शक्ति का इलाज करती है। मुस्ली के कंद की जड़ों या ट्यूबर जड़ें प्राचीन काल से ही सभी प्रकार की कमजोरी और नर नपुंसकता के इलाज के लिए टॉनिक बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं।

मूसली पुरूषों के यौन रोगों के उपचार में है उपयोगी

सफ़ेद मूसल जैसी दिखने वाली सफ़ेद मूसली, वाजीकारक है जो की इंडियन जिन्सेंग या नेचुरल वियाग्रा की विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसे खाने से कामेच्छा और शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है और सामान्य दुर्बलता का इलाज होता है। यह एक शक्तिशाली पुरुष और महिला यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह रक्त और वीर्य वर्धक है।

यह नपुंसकता, धातुक्षीणता, शीघ्रपतन, यौनविकार, आदि को दूर करने की एक नेचुरल दवा है। यह डायबिटीस के बाद होने वाली नपुंसकता की शिकायतों में भी लाभप्रद है।

मूसली बढ़ाती है स्पर्म काउंट

मूसली शुक्र का पोषण करती है और बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक है। मूसली में सैपोनिन और स्टिगमास्टरोल होते हैं, जिन्हें स्पर्मेटोजेनेसिस की प्रक्रिया को उत्तेजित करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसे खाने से शुक्राणु गतिशीलता की तुलना में वीर्य मात्रा और शुक्राणुओं की संख्या में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं।

वीर्य को गाढ़ा करने के लिए 2-4 ग्राम की डोज़ में इसे मिश्री मिले दूध के साथ रात में लेने चाहिए। इससे लैंगिक दुर्बलता भी दूर होती है।

मूसली खाने से सेक्स के लिए ज्यादा करता है मन

मूसली को शक्तिशाली एफ़्रोडायसियाक एक्शन के लिए जाना जाता है। इसे लेने से कामेच्छा, उत्तेजना और, यौन शक्ति में वृद्धि होती है और यौन संबंध अच्छे बनते हैं। डायबिटीज होने से सेक्स कमजोरी में इसे लेने से फायदा होता है।

मूसली खाएं वज़न बढ़ाएं और बॉडी बनायें

बहुत पतले-दुबले आदमियों को मूसली का सेवन करना चाहिए। इससे वज़न बढ़ता है। टॉनिक होने से यह शरीर में ताकत बढ़ाती है।

मूसली फायदेमंद है औरतों के लिए

औरतों में मूसली को सफ़ेद पानी/श्वेत प्रदर के इलाज और दूध बढ़ने के लिये किया जाता है। प्रसव और प्रसवोत्तर समस्याओं के लिए एक उपचारात्मक रूप में भी इसका प्रयोग होता है।

सफ़ेद मुस्ली के सेवन से दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की वृद्धि होती है। दूध बढ़ाने के लिए 2 ग्राम मूसली को 2 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर दूध के साथ लेते हैं । सफ़ेद पानी / लिकोरिया की समस्या में फायदा होता है। श्वेत प्रदर में 1-2 ग्राम सफ़ेद मोसली के पाउडर का सेवन करने से लाभ होता है।

शरीर को देती है पोषण

मूसली को पोषक टॉनिक माना जाता है। मुसली के प्रमुख घटक कार्बोहाइड्रेट (41%), प्रोटीन (8-9%), सैपोनिन (2-17%), फाइबर (4%), 25 से अधिक एल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, स्टेरॉयड, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, पोलीसेकराईडस आदि हैं। इसके कंद को दूध में उबाल आकर दोनों पुरुषों और महिलाओं में यौन शक्ति की कमी के लिए उपयोग किया जाता है।

मूसली बढ़ाती है इम्युनिटी

मूसली खाने से इम्यून सिस्टम उत्तेजित होता है। इसे लेने से बार बार होने वाले इन्फेक्शन में कमी आती है। मूसली में कार्बोहाइड्रेट, एल्कालोइड, सैपोनिन और प्रोटीन आदि होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए प्राकृतिक दवा है।

सफेद मूसली की डोज़

सफ़ेद मूसली को लेने की मात्रा 3 ग्राम से 5 ग्राम है। इसे गर्म दूध के साथ लेना चाहिए। शीघ्रपतन और इम्पोटेंस में सफ़ेद मुस्ली के 15 ग्राम कांड को दूध में उबाल कर लेना चाहिए।

इसे खाली पेट लेना चाहिए। शुरू में इसे कम मात्रा में लें और धीरे-धीरे इस मात्रा को बढ़ाएं। सफ़ेद मूसली कम से कम तीन महीने लें। इसे लम्बे समय तक लेना सुरक्षित है। पेट की समस्या होने लगे तो ली जाने वाली मात्रा कम कर लें।

सफेद मुसली के साइड इफेक्ट्स

  • मुसली का कोई गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं है।
  • अधिक मात्रा में मुसली लेने से पेट की समस्याएं हो जाती हैं।
  • मुसली के सेवन से वज़न बढ़ सकता है।

गर्भावस्था और स्तनपान

ऐसे तो इसे गर्भावस्था में लिया जा सकता है, लेकिन सेफ साइड पर रहते हुए बिना ज़रूरत या डॉक्टर की राय के इसे नहीं लें।

स्तनपान के दौरान लेने से कोई नुकसान नहीं है।

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