सूत शेखर रस में वनस्पतियों और के साथ साथ धातुओ की भस्मों का उपयोग होता है। यह वेजिटेरियन दवाई है। सूत शेखर रस, दो प्रकार की है- सूत शेखर रस सादा और सूत शेखर रस स्वर्णयुक्त। जैसा नाम से पता चलता है सूत शेखर रस स्वर्णयुक्त में सोने की भस्म डली है जिससे इसके मेडिसिनल गुण बढ़ जाते हैं व यह हृदय और मस्तिष्क के लिए उपयोगी बन जाती है। सूत शेखर रस स्वर्णयुक्त लेने से इम्युनिटी बढ़ती है।
आयुर्वेदिक दवाई सूत शेखर रस (सादा) को पेशाब के रोगों, gastritis, एसिडिटी, चक्कर आना, बच्चा जनने के बाद होने वाले बुखार, सर के दर्द और मुंह के छाले आदि में लेने की सलाह दी जाती है। हाइपरथाइरोइड में सूत शेखर रस सादा को 130 to 250 mg दिन में दो बार 3 से 4 महीने लेते हैं।
सूत शेखर रस (सादा) की एक से दो गोली को दिन में दो बार खाना खाने के बाद लेते हैं। इसे शहद के साथ लिया जाता है।
सूत शेखर रस के फायदे
सूत शेखर रस अत्यधिक पित्त के कारण होने वाले रोग, पेट दर्द,उल्टी,हिचकी आना,पेट फूलना,चक्कर आना,अतिसार,आदि रोगो मे फायदा करता है। यह खांसी में भी लाभकारी है।
करे वात-पित्त को संतुलित
सूत शेखर रस को खाने से शरीर में वायु और पित्त की अधिकता कम होती है। जब पेट में ज्यादा एसिड होता है तो एसिडिटी,हिचकी,उल्टी,दर्द,पेट मे जलन होती है। वात ज्यादा होने से गैस बनती है। ऐसे में सूत शेखर रस (सादा) का इस्तेमाल करने से इसके एंटासिड गुणों के कारण फायदा होता है।
कम करे खांसी
सूत शेखर रस, सूखी खांसी मे भी लाभकारी है। सूखी खांसी में, सूत शेखर रस (स्वर्ण युक्त) सितोपलादि चूर्ण के साथ लेने से रोग ठीक होता है।
दे दिल और दिमाग को ताकत
सूत शेखर रस (स्वर्ण युक्त) मस्तिष्क और दिल को शक्ति देता है।
पाचन को सुधारे
सूत शेखर रस शरीर की पाचन शक्ति को नियंत्रित करता है और मल को बांधता है।
सूत शेखर रस की खुराक और सेवन करने का तरीका हिन्दी How To Use Of Sutshekhar Ras And Dosages
- सूत शेखर रस को हमेशा भोजन करने के बाद ही लेना चाहिए।
- सूत शेखर रस को 125 से 250 मिलीग्राम की डोज़ में लेना चाहिए।
- इसे शहद के साथ दिन मे दो बार सुबह शाम लेना चाहिए। इसे गाय के घी,शहद,अनार के रस,आंवला के मुरब्बे के साथ भी ले सकते है।
सूत शेखर रस के उपयोग में सावधानियां – साइड इफेक्ट्स
- इससे कुछ लोगों में पेट सम्बन्धी लक्षण हो सकते हैं।
- इसे 1-2 महीने तक ले सकते हैं।
- इसे प्रेगनेंसी में नहीं लेना है।
- इसे लेने से मुंह में मेटलिक टेस्ट आ सकता है।
- यह दवा लम्बे समय तक नहीं लेनी है।
- सूत शेखर रस की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए।
- सूत शेखर रस को लेने और बंद करने के पहले चिकित्सक से जरूर परामर्श लेना चाहिए।
- स्तनपान कराने के दौरान इसे नहीं लेना बेहतर है।
सूत शेखर रस के चिकत्सीय उपयोग हिन्दी Uses Of Sutshekhar Ras In Hindi
सूत शेखर रस को निम्न रोगों सहित बहुत से रोगों में इस्तेमाल करते हैं:
- अग्निमांद्य (Digestive impairment)
- अतिसार (Diarrhea)
- अम्लपित्त (Dyspepsia)
- उदावर्त (वायु का ऊपर की ओर चढ़ना)
- कास (Cough)
- गुल्म (Abdominal lump)
- ग्रहणी (Malabsorption syndrome)
- माइग्रेन या आधासीसी जिसमें एसिड-गैस हो, उल्टी हो (सभी में नहीं)
- राजयक्ष्मा (Tuberculosis)
- वमन, कै (Vomiting)
- शूल (Colicky Pain)
- श्वास (Dyspnoea/Asthma)
- हिक्का (Hiccup)
सूतशेखर रस सादा का कम्पोजीशन
- शुद्ध सूत (शुद्धा परद) 1 Part
- शुद्ध गंधक 1 Part
- स्वर्ण भस्म 1 Part
- रौप्य भस्म 1 Part
- शुद्धा सुहागा 1 Part
- शुंठी (Rz.) 1 Part
- मरीचा (Fr.) 1 Part
- पिप्पली (Fr.) 1 Part
- उन्मत्त बीजा (शुद्ध धत्तुरा) (Sd.) 1 Part
- ताम्रा भस्म 1 Part
- दालचीनी 1 Part
- पत्र (तेजपत्र) (Lf.) 1 Part
- एला (Sd.) 1 Part
- नागकेशर (Adr.) 1 Part
- शंखभस्म 1 Part
- बिल्व मज्जा (बिल्व) (Fr.P.) 1 Part
- ककरका (कर्चूर) (Rz.) 1 Part
- भृंगराज स्वरस (Pl.) Q. S. for मर्दन
सूतशेखर रस सादा
इसका कम्पोजीशन उपर दिया है लेकिन इसमें स्वर्ण नहीं है।
सूतशेखर रस विथ गोल्ड
सूतशेखर रस विथ गोल्ड में स्वर्ण भस्म का प्रयोग होता है।