विडंगारिष्ट का पेट के रोगों में उपयोग

आँतों में कीड़े होना एक आम समस्या है। बच्चे हों या बड़े सभी को कभी न कभी यह स्वास्थ्य समस्या हो जाती है। विडंगारिष्ट आँतों के कीड़ों और पाचन के लिए बहुत अच्छी आयुर्वेदिक दवाई है।

आंतों में परजीवी संक्रमण एक ऐसी स्थिति है जिसमें परजीवी गैस्ट्रो- आंतों के पथ को संक्रमित करता है । ऐसे परजीवी शरीर में कहीं भी रह सकते हैं, लेकिन अधिकांश आंतों की दीवार पसंद करते हैं । अगर आंतों परजीवी संक्रमण हेल्मिंथ के कारण होता है, तो संक्रमण को हेल्मिंथियासिस कहा जाता है। सामान्य प्रकार के आंतों कीड़े में शामिल हैं: फ्लैटवार्म, जिनमें टैपवार्म और फ्लुक्स शामिल हैं। आंतों के हेल्मिंथ और प्रोटोज़ोन परजीवी के कारण परजीवी संक्रमण, विकासशील देशों में में सबसे प्रचलित संक्रमणों में से हैं।

आँतों के कीड़े हो जाने पर कुपोषण, पेट दर्द, गैस, थकान, दस्त, मतली, या उल्टी आदि के लक्षण होने लगते हैं। आंतों के कीड़े संक्रमण के कारण में दूषित पानी भोजन, दूषित मल के साथ संपर्क, सफाई की घटिया व्यवस्था और खराब स्वच्छता शामिल हैं।

आयुर्वेद में आँतों के कीड़ों के लिए एक बहुत ही अच्छी दवा है, विडंगारिष्ट। इसे दवा को दिन में दो बार पीने से न केवल आपको कृमि संक्रमण से आराम होगा बल्कि आपके पाचन सम्बन्धी दोष जैसे भूख नहीं लगना, उलटी, दस्त आदि के लक्षण भी दूर होते हैं। यह एक बहुत ही सेफ दवा है जिसका कोई भी ज्ञात गंभीर साइड इफ़ेक्ट नहीं है।

विडंगारिष्ट के फायदे

विडंगारिष्ट एक आयुर्वेदिक एंथेलमिंथिक (एंथेलमिंटिक) दवा है। इसका प्रयोग परजीवी आंतों के कीड़े को नष्ट करता है। यह कीड़े के उपद्रव की पुनरावृत्ति को भी रोकती है। इससे भूखठीक से लगती है और भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार होता है। इसके अलावा, विडंगारिष्ट को फोड़ा, सूजन, मूत्र संबंधी विकार, प्रोस्टेट वृद्धि, और भूख की कमी के इलाज के लिए भी दिया जाता है।

कृमि करे नष्ट

विडंगारिष्ट एंथेलमिंथिक (वर्मीफ्यूज या एंटी-परजीवी) दवाई है। यह पेट के कीड़ों को नष्ट करती है और इस समस्या को बार-बार होने नही देती।

ठीक करे भूख

विडंगारिष्ट क्षुधावर्धक है और यह भूख को बढाती है।

पाचन और अवशोषण को करे ठीक

विडंगारिष्ट में दीपन पाचक गुण हैं। यह पाचन को सही करती है।

गैस और पेट दर्द में राहत

कृमिओं से गैस बहुत बनती है जिससे पेट फूल जाता है और दर्द होता है। विडंगारिष्ट में कार्मीनेटिव असर है जिससे गैस और दर्द में राह होती है।

विडंगारिष्ट के उपयोग Therapeutic Uses of Vidangarishta

  • उरुस्तम्भ जांघ में स्टिफनेस
  • कीड़ा उपद्रव
  • कीड़े
  • गण्डमाला
  • गर्भाशय ग्रीवा लिम्फडेनाइटिस
  • गुर्दे की पथरी
  • गुल्म
  • नालव्रण
  • पथरी
  • प्रत्यष्ठीला
  • फोड़ा
  • भगंदर
  • भूख में कमी
  • मन्यास्तंभ
  • मूत्र संबंधी विकार
  • मेह
  • विद्रधि
  • सूजन
  • हनुस्तंभ जबड़े का लॉक होना

सेवनविधि और मात्रा How to take and dosage

  • बच्चे (5 साल से ऊपर की आयु: 2.5 से 10 मिलीलीटर
  • वयस्क: 10 से 20 मिलीलीटर
  • अधिकतम संभावित खुराक: प्रति दिन 60 मिलीलीटर (विभाजित खुराक में)
  • लेने का तरीका: बराबर मात्रा में पानी के साथ दो बार
  • लेने के लिए सबसे अच्छा समय: भोजन के बाद

विडंगारिष्ट कम्पोजीशन

  • विडंग फल 240 g
  • पिप्पली मूल जड़ 240 g
  • रसना जड़ या पत्ते 240 g
  • कुटज छालतने की छाल240 g
  • कुटुज फल बीज 240 g
  • पाठाजड़240 g
  • एलावालुकातने की छाल240 g
  • आमला बाहरी गूदा2 40 g
  • काढ़ा बनाने के लिए पानी 98।304 लीटर reduced to 12।288 लीटर
  • शहद 14.400 kg
  • धातकी फूल 960 g
  • त्वाक तने की छाल 96 g
  • छोटी इलाइची बीज 96 g
  • तेजपत्ता 96 g
  • प्रियांगु फूल 48 g
  • कचनार तने की छाल 48 g
  • लोध्र तने की छाल 48 g
  • सोंठ 384 g
  • मरिचा /काली मिर्च फल 384 g
  • पिप्पली फल 384 g

सुरक्षा प्रोफाइल

पेशेवर पर्यवेक्षण के तहत उपयुक्त खुराक में इसके संकेतों के अनुसार लिया गया जब अधिकांश व्यक्तियों के लिए विडंगारिष्ट काफी सुरक्षित है।

गर्भावस्था और स्तनपान

  • गर्भवती महिलाओं के लिए विडंगारिष्ट के बारे में शोध उपलब्ध नहीं है। गर्भावस्था के दौरान उपयोग करने से पहले एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
  • स्तनपान कराने वाली माताओं द्वारा उपभोग करने के लिए संभवतः सुरक्षित है।

कहाँ से खरीदें

  • आप इस दवा को फार्मेसी दुकान पर या ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
  • विडंगारिष्ट को बहुत सी आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिकल कंपनियां बनाती है जैसे की बैद्यनाथ, डाबर, पतंजलि आदि।

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